Saturday 16 June 2012

kutte badh rhe hai

भारत में कुत्तो की संख्या  बढ़ रही है |
भारत को सदैव से ही एक ऐसे राष्ट्र  के रूप में उकेरा गया है जहाँ पर जो भी आया उसको इस देश ने आक्रमणकारी के रूप में देखने के बजाये अपने में ही समाहित कर लिया वो बात अलग है कि हम उस समय भी इन अक्रमंकरियो के उद्देश्य को नही समझ पाए थे और उन्होंने लड़ने के बजाये इस देश को अपना मान कर इसमें अधिकार को मांगने का जो मन बनाया था उसका कोढ़ अब इस देश को न सिर्फ बर्बाद कर रहा है बल्कि हमको पूरा संविधान ही ऐसा बनाना पड़ा कि यह के लोगो से ज्यादा उन लोगो के हितो का ध्यान रखा गया जो कभी इस देश में आक्रमणकारी के रूप  में आये थे अब आप ही बताइए जिस देश में जिओ और जीने दो की वकालत होती रही ही उस देश में जब हमने अपने दुश्मनों का भी बना कर भारत माँ को नंगा करने में कोई कसर नही छोड़ी और उसको अंचल विहीन कर दिया तो इस देश में जानवर भी तो रहते है उन्हा भी तो हक़ है और फिर वो क्यों न हक़ की मांग करे पर भगत सिंह की तरह मांग करने वाले सिंहो का हश्र तो आप देश ही रहे है | चन्द्र शेखर आजाद का दोष तो यही था कि वह अपने देश को अंग्रेजो से वापस चाहते थे और यही गलती जंगल के शेर ने कर डाली | शेरो ने जंगल की रक्षा के लिए आदमियों की ओर नजर से गुरेर क्या दिया कि आदमी ने न सिर्फ जंगल ख़तम कर डाले बल्कि बाघों कि संख्या भी घट कर १३९३ रह गई | आदमियों से बगावत करने वाले न जाने कितने जानवर अब इस दुनिया में पाए ही नही जाते | गाये ने कुछ ज्यादा अच्छे बनने के चक्कर में अपने हिस्से में बुचर खाना  लिख लिया | गधे  ने माल ढोना लिखा लिया | और इसी लिए मनुष्य ने इनकी संख्या को खत्म तो नही किया पर इनका जीवन बद से बद्दतर बना दिया | कुत्ता एक स्वामिभक्त से नवाजा  जाने वाला और भैरव की सवारी से सम्मानित वाला हमेश मनुष्य के इर्द गिर्द दिखाई दिया | अपने मालिक के लिए जान देने वाला और पूरी रात जग कर घर की रखवाली करने वाला कुत्ता हमेशा दुर्भाग्य का शिकार रहा | आप किसी मनुष्य को गधा कह से तो इतना बुरा नही मानेगा पर अपनी जान पर खेल कर मालिक को बचाने वाले कुत्ते को अगर मनुष्य को  कह दिया जाये - कि तुम कुत्ते हो तो उसके तन बदन में आग लग जाये गी | यह इस तरह की बात करके मुझे न तो खुद का अपमान करना है और न ही किसी का पर क्या आप को पता है कि इस देश में कुत्ते क्यों बढ़ रहे है और शेर घट रहे है ? मुझे ऐसा लगता है | शेर शारीरिक  रूप से हमेशा से मनुष्य से शक्तिशाली रहा है और उसने जब पाया मनुष्य को आने भोजन के लिए मार डाला या फिर जब भी उसने मनुष्य को अपने क्षेत्र में आतिक्रमण करते पाया तो मार डाला और उसकी इस दुस्साहसी कृत्य के लिए मनुष्य ने उसे आने सांस्कृतिक प्रगति के उपकरणों से मरना शुरू कर दिया | इसका दूसरा पक्ष ज्यादा महत्त्व पूर्ण है कि शेर ने कभी मनुष्य के आगे खुकना स्वीकार ही नही किया और इसी इए अपने को सर्वश्रष्ठ समझने वाले मनुष्य ने ना सिर्फ शेर को मारा बल्कि उसकी खाल के कपडे , आसन बना कर उसको नीचा दिखाया और यही कारन है कि शेर धीरे धीरे खत्म हो गये पर कुत्ता नही खत्म हुआ बल्कि दिनोदिन उसकी संख्या बढती ही गई ऐसा क्यों हुआ ????? क्योकि कुत्ता मनुष्य के साथ उस समय से है जब वह नंगा घूम रहा था और वह मनुष्य की नंगे से भली भांति परिचित हो गया \ उसने यह भी जान लिया कि मनुष्य को जी हजुरी ही ज्यादा पसंद है और बस उसने आदमी को देख कर पूछ हिलाना , उसकी गोद और पैर में लोटना , उसके शरीर को चाटना शुरू कर दिया | आदमी के लिए भोकना , पाने को स्वामी भक्त दिखाने के लिए अपनी जान की बजी लगाना , रात बहर जागकर घर की रक्षा करना शुरू कर दिया और मानव को ऐसा चापलूस पसंद आ गया और उसने इस जानवर को मरने के बजाये पाने पास रखना शुरू आर दिए क्योकि शेर के लिए मांस चाहिए पर कुत्ते को तो कुछ भी उल्टा सीधा , जूठा दे दो , वह पूछ हिलाते हुए खा लेगा ऊपर से घर के बाहर बैठा रहेगा | कुत्ते के इसी किसी तरह भी जी लेने के प्रयास और मनुष्य की चापलूसी ने उसकी जनसँख्या बढ़ने में सहायता की अपर मनुष्य भेड़िया कुल के इस जानवर की असलियत जानता है और इसका जंगलीपन भी जानता है पर वह मनुष्य को दिखता कुछ और है | उसके इसी दोगले पण के कारन जब किसी मनुष्य को कोई कुत्ता कह देता है तो वह बिदक उठता है | पर मानव ने उसके इस कृत्य के लिए उसकी जनसँख्या बढ़ने में मदद की और देखते देखते हर गली मोहल्ले में कुत्तो की संख्या बढ़ गई और शेर घटते चले गये | शायद आप समझ गये होंगे की आज कल समाज में कुत्ते क्यों ज्यादा दिखाई दे रहे है और शेर दिखाई ही नही देते ......खैर आइये हम कुछ शेर जैसे नेता को इस देश में खोजे कही वह भी समाप्त  ना हो जाये  और कुत्तो का बढ़ना वैसे भी अब रोक पाना आसन नही है हा या तो उनो गोली मर दी जाये या फिर कांजी हाउस भेज दिया जाये या फिर नागालैंड भेज दिया जाये जहाँ के लोगो का प्रिय भोजन भो कुत्ता है ////पर कुत्तो से देश को निजात दिलाना जरुरी है .............क्या आपको नही लगता ......................डॉ आलोक चान्टिया

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